Monday 30 October 2017

वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टूबर, 1875 - 15 दिसंबर, 1950)




वल्लभ भाई पटेल भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने।#बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदारकी उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।

जीवन परिचय

पटेल का जन्म #नडियाद, #गुजरात में एक लेवा कृषक परिवार में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। सोमाभाई, नरसीभाई और #विट्टलभाई उनके अग्रज थे। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। #लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर #अहमदाबाद में वकालत करने लगे। #महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।

खेडा संघर्ष

स्वतन्त्रता आन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बडा योगदान खेडा संघर्ष में हुआ। गुजरात का खेडा खण्ड (डिविजन) उन दिनो भयंकर सूखे की चपेट में था। किसानों ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। जब यह स्वीकार नहीं किया गया तो सरदार पटेल, गांधीजी एवं अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हे कर न देने के लिये प्रेरित किया। अन्त में सरकार झुकी और उस वर्ष करों में राहत दी गयी। यह सरदार पटेल की पहली सफलता थी।

आजादी के बाद

यद्यपि अधिकांश प्रान्तीय कांग्रेस समितियाँ पटेल के पक्ष में थीं, गांधी जी की इच्छा का आदर करते हुए पटेल जी ने प्रधानमंत्री पद की दौड से अपने को दूर रखा और इसके लिये नेहरू का समर्थन किया। उन्हे उपप्रधान मंत्री एवं गृह मंत्री का कार्य सौंपा गया। किन्तु इसके बाद भी नेहरू और पटेल के सम्बन्ध तनावपूर्ण ही रहे। इसके चलते कई अवसरों पर दोनो ने ही अपने पद का त्याग करने की धमकी दे दी थी।
गृह मंत्री के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था। इसको उन्होने बिना कोई खून बहाये सम्पादित कर दिखाया। केवल #हैदराबाद के आपरेशन पोलो के लिये उनको सेना भेजनी पडी। भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिये उन्हे भारत का लौह पुरूष के रूप में जाना जाता है। सन १९५० में उनका देहान्त हो गया। इसके बाद नेहरू का कांग्रेस के अन्दर बहुत कम विरोध शेष रहा।

देसी राज्यों (रियासतों) का एकीकरण

सरदार पटेल ने आजादी के ठीक पूर्व (संक्रमण काल में) ही पीवी मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिये कार्य आरम्भ कर दिया था। पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हे स्वायत्तता देना सम्भव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन को छोडकर शेष सभी राजवाडों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। केवल #जम्मू एवं कश्मीरजूनागढ तथा हैदराबाद के राजाओं ने ऐसा करना नहीं स्वीकारा। जूनागढ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और जूनागढ भी भारत में मिल गया। जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहाँ सेना भेजकर निजाम का आत्मसमर्पण करा लिया। किन्तु नेहरू ने काश्मीर को यह कहकर अपने पास रख लिया कि यह समस्या एक अन्तराष्ट्रीय समस्या है।।

गांधी, नेहरू और पटेल


गांधीजी, पटेल और मौलाना आजाद (1940)
स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री #पं. नेहरू व प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल में आकाश-पाताल का अंतर था। यद्यपि दोनों ने इंग्लैण्ड जाकर बैरिस्टरी की डिग्री प्राप्त की थी परंतु सरदार पटेल वकालत में पं॰ नेहरू से बहुत आगे थे तथा उन्होंने सम्पूर्ण ब्रिटिश साम्राज्य के विद्यार्थियों में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया था। नेहरू प्राय: सोचते रहते थे, सरदार पटेल उसे कर डालते थे। नेहरू शास्त्रों के ज्ञाता थे, पटेल शस्त्रों के पुजारी थे। पटेल ने भी ऊंची शिक्षा पाई थी परंतु उनमें किंचित भी अहंकार नहीं था। वे स्वयं कहा करते थे, "मैंने कला या विज्ञान के विशाल गगन में ऊंची उड़ानें नहीं भरीं। मेरा विकास कच्ची झोपड़ियों में गरीब किसान के खेतों की भूमि और शहरों के गंदे मकानों में हुआ है।" पं॰ नेहरू को गांव की गंदगी, तथा जीवन से चिढ़ थी। पं॰ नेहरू अन्तरराष्ट्रीय ख्याति के इच्छुक थे तथा समाजवादी प्रधानमंत्री बनना चाहते थे।
देश की स्वतंत्रता के पश्चात सरदार पटेल उप प्रधानमंत्री के साथ प्रथम गृह, सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री भी थे। सरदार पटेल की महानतम देन थी 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना। विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ऐसा न हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का साहस किया हो। 5 जुलाई 1947 को एक रियासत विभाग की स्थापना की गई थी। एक बार उन्होंने सुना कि बस्तर की रियासत में कच्चे सोने का बड़ा भारी क्षेत्र है और इस भूमि को दीर्घकालिक पट्टे पर हैदराबाद की निजाम सरकार खरीदना चाहती है। उसी दिन वे परेशान हो उठे। उन्होंने अपना एक थैला उठाया, वी.पी. मेनन को साथ लिया और चल पड़े। वे उड़ीसा पहुंचे, वहां के 23 राजाओं से कहा, "कुएं के मेढक मत बनो, महासागर में आ जाओ।" उड़ीसा के लोगों की सदियों पुरानी इच्छा कुछ ही घंटों में पूरी हो गई। फिर नागपुर पहुंचे, यहां के 38 राजाओं से मिले। इन्हें सैल्यूट स्टेट कहा जाता था, यानी जब कोई इनसे मिलने जाता तो तोप छोड़कर सलामी दी जाती थी। पटेल ने इन राज्यों की बादशाहत को आखिरी सलामी दी। इसी तरह वे काठियावाड़ पहुंचे। वहां 250 रियासतें थी। कुछ तो केवल 20-20 गांव की रियासतें थीं। सबका एकीकरण किया। एक शाम मुम्बई पहुंचे। आसपास के राजाओं से बातचीत की और उनकी राजसत्ता अपने थैले में डालकर चल दिए। पटेल पंजाब गये। पटियाला का खजाना देखा तो खाली था। फरीदकोट के राजा ने कुछ आनाकानी की। सरदार पटेल ने फरीदकोट के नक्शे पर अपनी लाल पैंसिल घुमाते हुए केवल इतना पूछा कि "क्या मर्जी है?" राजा कांप उठा। आखिर 15 अगस्त 1947 तक केवल तीन रियासतें-कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद छोड़कर उस लौह पुरुष ने सभी रियासतों को भारत में मिला दिया। इन तीन रियासतों में भी जूनागढ़ को 9 नवम्बर 1947 को मिला लिया गया तथा जूनागढ़ का नवाब पाकिस्तान भाग गया। 13 नवम्बर को सरदार पटेल ने सोमनाथ के भग्न मंदिर के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया, जो पंडित नेहरू के तीव्र विरोध के पश्चात भी बना। 1948 में हैदराबाद भी केवल 4 दिन की पुलिस कार्रवाई द्वारा मिला लिया गया। न कोई बम चला, न कोई क्रांति हुई, जैसा कि डराया जा रहा था।
जहां तक #कश्मीर रियासत का प्रश्न है इसे पंडित नेहरू ने स्वयं अपने अधिकार में लिया हुआ था, परंतु यह सत्य है कि सरदार पटेल कश्मीर में जनमत संग्रह तथा कश्मीर के मुद्दे को #संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाने पर बेहद क्षुब्ध थे। नि:संदेह सरदार पटेल द्वारा यह 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था। भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी। #महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को इन रियासतों के बारे में लिखा था, "रियासतों की समस्या इतनी जटिल थी जिसे केवल तुम ही हल कर सकते थे।"
यद्यपि विदेश विभाग पं॰ नेहरू का कार्यक्षेत्र था, परंतु कई बार उप प्रधानमंत्री होने के नाते कैबिनेट की विदेश विभाग समिति में उनका जाना होता था। उनकी दूरदर्शिता का लाभ यदि उस समय लिया जाता तो अनेक वर्तमान समस्याओं का जन्म न होता। 1950 में पंडित नेहरू को लिखे एक पत्र में पटेल ने चीन तथा उसकी तिब्बत के प्रति नीति से सावधान किया था और चीन का रवैया कपटपूर्ण तथा विश्वासघाती बतलाया था। अपने पत्र में चीन को अपना दुश्मन, उसके व्यवहार को अभद्रतापूर्ण और चीन के पत्रों की भाषा को किसी दोस्त की नहीं, भावी शत्रु की भाषा कहा था। उन्होंने यह भी लिखा था कि तिब्बत पर चीन का कब्जा नई समस्याओं को जन्म देगा। 1950 में नेपाल के संदर्भ में लिखे पत्रों से भी पं॰ नेहरू सहमत न थे। 1950 में ही #गोवा की स्वतंत्रता के संबंध में चली दो घंटे की कैबिनेट बैठक में लम्बी वार्ता सुनने के पश्चात सरदार पटेल ने केवल इतना कहा "क्या हम गोवा जाएंगे, केवल दो घंटे की बात है।" नेहरू इससे बड़े नाराज हुए थे। यदि पटेल की बात मानी गई होती तो 1961 तक गोवा की स्वतंत्रता की प्रतीक्षा न करनी पड़ती।
गृहमंत्री के रूप में वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आई.सी.एस.) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आई.ए.एस.) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता।
सरदार पटेल जहां #पाकिस्तान की छद्म व चालाकी पूर्ण चालों से सतर्क थे वहीं देश के विघटनकारी तत्वों से भी सावधान करते थे। विशेषकर वे भारत में मुस्लिम लीग तथा कम्युनिस्टों की विभेदकारी तथा रूस के प्रति उनकी भक्ति से सजग थे। अनेक विद्वानों का कथन है कि सरदार पटेल बिस्मार्क की तरह थे। लेकिन लंदन के टाइम्स ने लिखा था "बिस्मार्क की सफलताएं पटेल के सामने महत्वहीन रह जाती हैं। यदि पटेल के कहने पर चलते तो कश्मीर, चीन, तिब्बत व नेपाल के हालात आज जैसे न होते। पटेल सही मायनों में मनु के शासन की कल्पना थे। उनमें कौटिल्य की कूटनीतिज्ञता तथा महाराज शिवाजी की दूरदर्शिता थी। वे केवल सरदार ही नहीं बल्कि भारतीयों के ह्मदय के सरदार थे।

Saturday 28 October 2017

सामान्य विज्ञान : सुपर-45 अतिमहत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी​


〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
(1) लाफिंग गैस का रासायनिक नाम क्या हैं ?
उत्तर - ​नाइट्रस ऑक्साइड (खोजकर्ता-प्रीस्टाले)​
(2) गोबर गैस में मुख्यत: कौन-सी गैस होती है ?
उत्तर- ​मिथेन​
(3) कुकिंग गैस में कौन-सी गैस होती हैं ?
उत्तर- ​प्रोपेन, ब्यूटेन​
(4) चमकने वाला और माचिसों में प्रयुक्त होने वाला पदार्थ है-
उत्तर- ​फास्फॉरस​
(5) फलों को पकाने के लिए किस गैस का प्रयोग किया जाता हैं ?
उत्तर- ​ऐसीटिलीन​
(6) ​जीवाश्मों​ की आयु निर्धारित करने के लिए कौन-सी विधि अपनाई जाती है?
उत्तर- ​कार्बन डेटिंग विधि​
(7) लालटेन में मिट्टी का तेल बत्ती में किसके कारण चढ़ जाता हैं ?
उत्तर- ​केशिकत्व के कारण​
(8) गोताखोर किस गैसों के मिश्रण से सांस लेते हैं ?
उत्तर- ​ऑक्सीजन तथा हीलियम​
(9) भोपाल गैस दुर्घटना में कौन-सी गैस का रिसाव हुआ था ?
उत्तर- ​मिथाइल आइसो सायनेट​
(10) जल का शुह्तम रूप हैं-
उत्तर- ​वर्षा का जल​
(11) वर्षा की बूँदें किसके कारण गोल हो जाती हैं ?
उत्तर- ​पृष्ठ तनाव के कारण​
(12) बायोडीजल बनाने में किस वनस्पति का उपयोग किया जाता है?
उत्तर- ​रतनजोत​ (जेटरोफा)
(13) गुरूत्वाकर्षण की खोज किसने की ?
उत्तर- ​न्युटन ने​
14. सिरका व अचार में कौन सा अम्ल होता है ?
उत्तर- ​एसिटिक अम्ल​
(15) नीबू एवं नारंगी में कौन सा अम्ल होता है ?
उत्तर- ​साइट्रिक अम्ल​
(16) मतदाताओं के हाथ में लगाये जाने वाली स्याही मे पाया जाता है—
उत्तर- ​सिल्वर नाइट्रेट​
(17) पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है—
उत्तर- ​पश्चिम से पूर्व की ओर​
(18) प्याज व लहसुन में गंध किसके कारण आती है—
उत्तर- ​पोटैशियम के कारण​
(19) x- किरणों की खोज किसने की—
उत्तर- ​रोन्ट्जन ने​
(20) समुद्र की गहराई नापते हैं—
उत्तर- ​अल्टीमीटर से​
(21) डी.एन. ए. संरचना का माडल दिया—
उत्तर- ​वाटसन व क्रिक ने​
(22) प्रयोगशाला में बनने वाला पहला तत्व—
उत्तर- ​यूरिया​
(23) पेन्सिलीन की खोज किसने की-
उत्तर- ​एलेक्जेन्डर फ्लेमिंग ने​
(24) चेचक के टीके की खोज किसने की-
उत्तर- ​एडवर्ड जेनर ने​
(25) सबसे बड़ी हड्डी-
उत्तर- ​फीमर​
(26) सबसे छोटी हड्डी-
उत्तर- ​स्टेपिज​
(27) किस विटामिन में कोबाल्ट होता है-
उत्तर- ​B -12​
(28) रतौधी रोग किस विटामिन के कमी से होता है-
उत्तर- ​विटामिन -A​
(29) विटामिन B की कमी से कौन सा रोग होता है-
उत्तर- ​बेरी बेरी​
(30) रेबिज के टीके की खोज किसने की-
उत्तर- ​लुई पाश्चर ने​
(31) एक्स किरणे हैं-
उत्तर- ​विधुत चुम्बकीय किरणें​
(32) इन्द्रधनुष बनने का कारण-
उत्तर- ​अपवर्तन​
(33) यदि हम चन्द्रमा पर से आकाश देखे तो कैसा दिखाई देगा-
उत्तर- ​काला​
(34) कच्चे फलों को पकाने में काम आता है-
उत्तर- ​एसिटिलीन​
(35) कृत्रिम वर्षा होती है-
उत्तर- ​सिल्वर आयोडायड के कारण​
(36) कौन सी धातु द्रव रूप में पायी जाती है ?
उत्तर- ​पारा​
(37) वायुमडलीय दाब नापते हैं-
उत्तर- ​बैरोमीटर से​
(38) नाभिकीय रिएक्टर मे मन्दक होता है-
उत्तर- ​भारी जल​
(39) आतिशबाजी में लाल रंग होता है-
उत्तर- ​स्ट्रांसियम के कारण​
(40) आतिशबाजी में हरा रंग होता है-
उत्तर- ​बेरियम के कारण​
(41) जल मे घुलनशील विटामिन कौनसा है-
उत्तर- ​B, C​
(42) वसा मे घुलनशील विटामिन-
उत्तर- ​A,D,E,K​
(43) पत्तियाँ हरी क्यों होती हैं-
उत्तर- ​क्लोरोफिल के कारण​
(44) पेट्रोल मे होता है-
उत्तर- ​हाइड्रोजन एवं कार्बन​
(45) प्राथमिक रंग होते हैं-
उत्तर- ​लाल, नीला और हरा​

वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टूबर, 1875 - 15 दिसंबर, 1950)

वल्लभ भाई पटेल   भारत  के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने।# बारडोली सत्या...